इस लेख में हम एक ऐसी बीमारी के बारे में बात करेंगे। जिसके बारे में अक्सर लोग बात करने में शर्माते है। हम जिस बीमारी के बारे में बात कर रहे है वो है बवासीर की। बवासीर को अंग्रेजी में पाइलस कहते है। इस लेख में हम आपको बवासीर के बारे में खुल कर बताएंगे। बवासीर से जुड़ी सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि लोग इसके बारे में बात करने में झीझकते है, और उसे छिपाते है। छिपाने के चक्कर में ये बीमारी बढ़ जाती है। जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इस लेख को अंत तक जरुर पढ़े। हम आपको बवासीर को ठीक करने की दवा के बारे में बताएंगे। Medicines for Piles लेकिन उससे पहले आप ये जान ले कि बवासीर क्या होती है और इसके कारण लक्षण क्या है।
बवासीर क्या है – Bwasir Kya Hai
पाइलस यानि बवासीर काफी तकलीफ देने वाली बीमारी है। पाइल्स में दर्द तो होता ही है, लेकिन ये बीमारी असहज भी बना देती है। बवासीर में स्वेलिंग के साथ तेज दर्द भी होता है। एक स्टडी के अनुसार, 50 की उम्र के पार करने बाद ज्यादातर लोगो को बवासीर की शिकायत हो जाती है। लेकिन अब तो ये समस्या युवाओं और बच्चों में भी आम होने लगी है।
शुरुआत में सिर्फ दर्द और जलन का ही एहसास होता है। लेकिन अगर सम्सया बढ़ जाए तो खुन आने लगता है। बवासीर में एनल या रेक्टल एरिया की बल्ड वेल्स बड़ी हो जाती है। जिसकी वजह से मलत्याग के दौरान उसमें दर्द के साथ खुन भी निकलता है। ये अंदरुनी और बाहरी दो प्रकार की होती है।
बवासीर कितने प्रकार की होती है – Bwasir Ke Parkar
बवासीर दो प्रकार की खुनी और बादी बवासीर जो इस प्रकार है।
खुनी बवासीर– खूनी बवासीर में किसी प्रकार का दर्द महसूस नहीं होता। बल्कि मलत्याग करते समय खून आता है। इसमें गुदा के अंदर मस्से हो जाते है,और मलत्यागने के बाद मस्से अंदर चले जाते है।
बादी बवासीर– बादी बवासीर में खून नहीं निकलता है। इसमें पेट की समस्या अधिक रहती है। जैसे कब्ज एंव गैस की समस्या बनी रहती है। इसमें मस्से बाहर आसानी से देखे जा सकते है। शुरुआत में यह तकलीफ नहीं देती। लेकिन अस्वस्थ खान पान और कब्ज की वजह से यह फूल जाते है। बादी बवासीर में बहुत दर्द होता है।
पाइल्स के कई कारण हो सकते है। Bwasir ke Karan
- वंशानुगत
- मोटापा होने पर
- गैस की समस्या होने पर
- ज्यादा मसाले दार खाने से
- लंबे समय तक कठोर कब्ज रहने पर
- पाचन क्रिया के सही नहीं होने पर
- ज्यादा लाल मिर्च का सेवन करने से
- एनल सेक्स की वजह से भी ये बीमारी हो सकती है।
बवासीर के मुख्य लक्षण – Bwasir ke Lakshan
पाइल्स का दर्द हर किसी के लिए एक जैसा हो, ये जरुरी नहीं, रेक्टल एरिया में दर्द खुजली और जलन, सूजन और संक्रमण इसके सामान्य लक्षण है।
बवासीर की आयुर्वेदिक दवा- Ayurvedic Medicine for Piles
अगर आप भी कष्ट देने वाली बवासीर की बीमारी से जूझ रहे है। और घरेलु नुस्खे करके थक चूके है तो अब निश्चिंत हो जाए। हम आपको बवासीर का आर्वेदिक इलाज Piles Treatment बताएगें। जिससे आपकी बवासीर बिना ऑपरेशन के ठीक हो जाएगी। जी हां अमन हैल्थ केयर आपके लिए लाए है अर्शफिट आयुर्वेदिक कैप्सूल, Ayurvedic Capsules For Piles आधुनिक तकनिक से कई प्रकार की जड़ी बुटियों द्वारा अर्शफिट आयुर्वेदिक कैप्सूल को तैयार किया गया है। इस दवा कोई साइड इफैक्ट नहीं है। अर्शफिट कैप्सूल का रिजल्ट 36 से 48 घंटो में आना शुरु हो जाता है। आप 1 कैप्सूल सुबह, 1 दोपहर, और 1 कैप्सूल रात को ठंडे पानी या दूध के साथ ले सकते है। और अगर आपको बवासीर की तकलीफ बढ़ गई है। तो तीनो टाईम 2 कैप्सूल का सेवन करें।